ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । निजीकरण से पहले भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) देने की पेशकश की है। देश की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी एवं दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम विपणन कंपनी ने कर्मचारियों को भेजे नोटिस में कहा, यह योजना उनके लिए है, जो विभिन्न व्यक्तिगत कारणों से और निजी प्रबंधन के तहत कंपनी में काम नहीं करना चाहते हैं। 23 जुलाई को खुली योजना 13 अगस्त, 2020 को बंद हो जाएगी।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, कुछ कर्मचारियों को लगता है कि बीपीसीएल के निजीकरण के बाद उनकी भूमिका, स्थिति या स्थान में बदलाव हो सकता है। यह योजना उन्हें बाहर निकलने का विकल्प देती है। नोटिस के अनुसार, 45 साल की आयु पूरी कर चुके पांच से 10 फीसदी कर्मचारी वीआरएस का विकल्प चुन सकते हैं। सरकार 20,000 कर्मचारियों वाली बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है।
नोटिस के मुताबिक, वीआरएस चुनने वाले कर्मचारियों को हर सेवा वर्ष के लिए दो महीने का वेतन या वीआरएस के समय तक का मासिक वेतन मिलेगा। सेवा के बचे महीनों को इसमें गुणा किया जाएगा। उन्हें सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाला कंपनी छोड़ने का खर्च, चिकित्सा लाभ योजना के तहत चिकित्सा लाभ, सीएल, ईएल और पीएल के बदले नकदी भुगतान भी मिलेगा। हालांकि, जिस कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है, उसे लाभ नहीं मिलेगा।
मुंबई । सोने की कीमत ने मंगलवार को नया रेकॉर्ड बनाया है। दस ग्राम सोने की कीमत 52435 के स्तर पर पहुंच गई। सोमवार को सोने की कीमत 52414 के स्तर छुई थी। चांदी की कीमत 67560 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई जो आठ सालों का उच्चतम स्तर है। एंजेल कमोडिटी के डीवीपी अनुज गुप्ता का कहना है कि आने वाले समय में समय में सोने के भाव में और तेजी आ सकती है। अमेरिका-चीन के बीच जारी तनाव के कारण डॉलर में कमजोरी आई है। इसके अलावा यूएस बांड यील्ड में निचले स्तर पर है और यही कारण है कि बुलियन की मांग में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि सोनेचांदी में यह तेजी आगे भी जारी रहेगी और सोने का भाव 53 हजार तक जा सकता है, जबकि चांदी 70 हजार के स्तर को छू सकती6 है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 2000 डॉलर के भाव तक पहुंच सकता है जबकि चांदी में तेजी रहेगी।
सोमवार को राजधानी दिल्ली में सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में 905 रुपये की तेजी आई। 10 ग्राम सोने की कीमत 52960 रुपए पर पहुंच गई थी। शुक्रवार को यह कीमत 52055 रुपए प्रति दस ग्राम थी। चांदी की कीमत में सोमवार को 3347 रुपउ की तेजी आई। यह कीमत 65670 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। शुक्रवार को यह कीमत 62323 रुपए प्रति किलोग्राम थी। विदेशी बाजार में सोमवार को सोना 1935 डॉलर प्रति आउंस और चांदी 24 डॉलर प्रति आउंस पर पहुंच गई थी।
बैंक ऑफ अमेरिका का कहना है कि 2021 के अंत तक वैश्विक बाजार में सोने की कीमत 3000 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच सकती है। अगर ऐसा होता है तो 24 कैरेट सोने की कीमत उस समय 73000 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच जाएगी। एमसीएक्स पर मंगलवार सुबह अगस्त डिलिवरी वाले गोल्ड की कीमत 193 रुपए की तेजी के साथ 52294 रुपए, अक्टूबर डिलिवरी वाला गोल्ड 158 रुपए की तेजी के साथ 52410 रुपए और दिसंबर डिलिवरी वाला गोल्ड 150 रुपए की तेजी के साथ 52511 रुपए प्रति दस ग्राम पर ट्रेड कर रहा था। है। एमसीएक्स पर सुबह सितंबर डिलिवरी वाली चांदी 927 रुपए की तेजी के साथ 66455 रुपए और दिसंबर डिलिवरी वाली चांदी 918 रुपए की तेजी के साथ 67955 रुपए प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही है।
-9 महीने में बनाया नया रेकॉर्ड
नई दिल्ली । जानीमानी कंपनी होंडा मोटरसाइकल ऐंड स्कूटर इंडिया ने सिर्फ 9 महीने में 11 लाख बीएस6 टू वीलर्स सेल किए।कंपनी
ने टू वीलर्स सेल के मामले में नया रेकॉर्ड बनाया है। सूत्रों की माने तो कंपनी ने सितंबर 2019 में बीएस6 वाहनों की सेल शुरू की थी। ऐसे में ध्यान देने की बात ये है कि कोरोना वायरस आउटब्रेक के चलते बीते कुछ महीने ऑटो सेक्टर की सेल्स के लिए काफी मुश्किल रहे। ऐसे में होंडा का यह कीर्तिमान और खास हो जाता है। भारतीय बाजार में होंडा का सबसे बड़ा कॉमप्टिटर हीरो मोटोकॉर्प रहा। हीरो ने बीएस 6 वाहनों की सेल इस साल ही शुरू की है। मौजूदा समय में लोग अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह निजी वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं ऐसे में कंपनी ने ग्राहकों के लिए ऑनलाइन बुकिंग, आकर्षक रीटेल फाइनेंस स्कीम और 6 साल तक की वॉरंटी जैसी सर्विस लाई है। होंडा के लिए ऐक्टिवा 6जी इस दौरान कंपनी का बेस्ट सेलिंग मॉडल रहा। नए होंडा ऐक्टिवा में बीएस6 कम्प्लायंट 109सीसी का इंजन दिया गया है। इसमें कार्ब्युरेटर की जगह फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम शामिल किया गया है। यह इंजन 8,000 आरपीएम पर 7.68 बीएचपी का पावर और 5,250 आरपीएम पर 8.79 एनएम पीक टॉर्क जेनरेट करता है। नया ऐक्टिवा पुराने मॉडल से बड़ा है। ऐक्टिवा 6जी का वीलबेस ऐक्टिवा 5जी से ज्यादा और सीट भी लंबी है। नए स्कूटर में फ्लोर स्पेस भी ज्यादा है। नए स्कूटर का सस्पेंशन भी अपडेट किया गया है। इसके फ्रंट में टेलेस्कोपिक और रियर में 3-स्टेप अजस्टेबल सस्पेंशन दिए गए हैं। ऐक्टिवा के लिए होंडा साइन 125 कंपनी का दूसरा बेस्टसेलिंग मॉडल रहा।होंडा साइन और होंडा एसपी125 में एक सा इंजन दिया गया है। होंडा साइन भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली 125सीसी मोटरसाइकल है। कंपनी ने फरवरी में होंडा शाइन 125 को बीएस6 इंजन के साथ उतारा था। बीएस6 इंजन के साथ आई होंडा साइन में नया 5 स्पीड ट्रांसमिशन और फ्यूल-इंजेक्टेड इंजन दिया गया है। बीएस6 कंप्लायंट इंजन वाली न्यू जेनरेशन होंडा साइन की दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 67,857 रुपये है।
सुदामा/ईएमएस 28 जुलाई 2020
रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी में पिछले एक साल में लगातार कटौती किए जाने से इस दौरान सब्सिडी वाला सिलेंडर 100 रुपए महंगा हो गया है और अब सब्सिडी शून्य हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल जुलाई में 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर का बाजार मूल्य यानी बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 637 रुपए थी जो अब घटकर 594 रुपए रह गई है। इसके बावजूद इस दौरान सब्सिडी वाला सिलेंडर 100 रुपए महंगा हुआ और इसकी कीमत 494.35 रुपए से बढ़कर 594 रुपए हो गई।
सरकार द्वारा सब्सिडी में लगातार की गई कटौती से इस साल मई से ही सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत एक हो गई है। इस साल मई, जून और जुलाई में ग्राहकों को कोई सब्सिडी नहीं मिली है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही ऐसी खबरें आई थीं कि सरकार की योजना धीरे-धीरे रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी समाप्त करने की है, लेकिन इस संबंध में पूछे जाने पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हर बार इस बात से इनकार करते रहे।
दूसरी तरफ सरकार ने पिछले एक साल में सब्सिडी में लगातार कटौती की। जुलाई 2019 में सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलिंडर 494.35 रुपए का और सब्सिडी वाला सिलेंडर 637 रुपए का था। अक्टूबर 2019 में सब्सिडी वाला 517.95 रुपये का और बिना सब्सिडी वाला 605 रुपए का हो गया। इस साल जनवरी में सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत बढ़कर 535.14 रुपए और बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 714 रुपए हो गई। अप्रैल में सब्सिडी वाले सिलेंडर का मूल्य 581.57 रुपए और बिना सब्सिडी वाले का मूल्य 744 रुपए हो गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अप्रैल में एलपीजी की कीमतों में भारी गिरावट के बाद मई में घरेलू सिलेंडर का बाजार मूल्य 162.50 रुपए घटाकर 581.50 रुपए कर दिया गया जिससे सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत एक हो गई। जून और जुलाई में बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के साथ सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत में भी समान वृद्धि की गई है।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑइल कॉपोर्रेशन ने अपनी वेबसाइट पर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत के बारे में जानकारी देनी बंद कर दी है। एक साल पहले तक उसकी वेबसाइट पर इसकी जानकारी उपलब्ध होती थी। सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतों में पिछले साल जनवरी से अब तक हुई वृद्धि और इसका कारण जानने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को 07 जुलाई को लिखे गए ई-मेल का उसकी ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
पेइचिंग। चीन की एक वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल के दूसरे चरण के नतीजे भी सफल रहे हैं। इनमें चीन की वैक्सीन सुरक्षित और असरदार पाई गई है। इसे दिए जाने पर वॉलंटिअर्स में इम्यून रिस्पॉन्स देखा गया। चीन की वैक्सीन अडेनोवायरस टाइप 5 वायरल वेक्टर से बनी है। इस वैक्सीन का ट्रायल चीन के वुहान में किया गया था। वुहान में ही पिछले साल कोरोना वायरस के इन्फेक्शन के मामले दुनिया में सबसे पहले सामने आए थे। इस वैक्सीन को 18 साल से ज्यादा उम्र के स्वस्थ्य लोगों को दिया गया। 603 वॉलंटिअर्स पर इस वैक्सीन को टेस्ट किया गया और 28वें दिन वायरस को पहचानने वाली ऐंटीबॉडी पाई गईं। हालांकि, वैक्सीन को अभी किसी कोरोना वायरस पीडि़त पर टेस्ट नहीं किया गया है। अभी तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे आने के बाद ही यह कहा जा सकेगा कि यह वैक्सीन इन्फेक्शन से बचाव कर पाती है या नहीं।
मुंबई । वैश्विक बाजारों से मिले खराब संकेतों की वजह से बुधवार के कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार के दौरान 100 अंकों से अधिक की गिरावट हुई, जबकि निफ्टी 11,150 से नीचे आ गया है। इस दौरान एचयूएल, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक और इंफोसिस घाटे के साथ कारोबार कर रहे थे। बीएसई सेंसेक्स 108.36 अंक या 0.29 प्रतिशत गिरकर 37,821.97 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह एनएसई निफ्टी 29.50 अंक या 0.26 प्रतिशत लुढ़ककर 11,132.75 पर आ गया। सेंसेक्स में सबसे अधिक दो प्रतिशत की गिरावट बजाज फाइनेंस में हुई। इसके अलावा एचयूएल, मारुति, इंडसइंड बैंक, एसबीआई, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, इंफोसिस भी गिरने वाले शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर एक्सिस बैंक, सन फार्मा, एनटीपीसी और आईटीसी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। पिछले सत्र में बीएसई सेंसेक्स 511.34 अंक की बढ़त के साथ 37,930.33 पर बंद हुआ था। इसी तरह निफ्टी 140.05 अंक बढ़कर 11,162.25 पर बंद हुआ। हालांकि छोटे-मझोले शेयरों में हल्की खरीद देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.18 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी नजर आ रही है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.32 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। तेल-गैस शेयरों में भी आज कमजोरी नजर आ रही है। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.84 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है।
नई दिल्ली। बजाज समूह की कंपनी बजाज फिनसर्व का मुनाफा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 44 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,215 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। कंपनी की बीमा अनुषंगी से अच्छी कमाई होने से कंपनी के लाभ में यह वृद्धि दर्ज की गई। बजाज समूह की वित्तीय सेवाओं की इस इकाई ने एक साल पहले की इसी तिमाही में 845 करोड़ रुपए का मुनाफा हासिल किया था। कंपनी ने कहा है कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी कुल आय 16 प्रतिशत बढ़कर 14,192 करोड़ रुपए हो गई। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 12,272 करोड़ रुपए रही थी। बजाज फिनसर्व के एकीकृत कारोबार में उसकी तीन अनुषंगी कंपनियों के परिणाम शामिल हैं। इनमें बजाज फाइनेंस लिमिटेड (बीएफएल), बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (बीएजीआईसी) और बजाज एलायंज लाइफ इश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (बीएएलआईसी) शामिल हैं। बजाज फिनसर्व ने कहा कि 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान उसकी तीनों इकाई के कारोबार पर प्रभाव पड़ा है। ज्यादातर बड़े शहरों में कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण पूरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां कमजोर रहीं।
मुंबई । सोने और चांदी की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गईं। चांदी की कीमत 60,000 रुपए प्रति किलो के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गई, जबकि सोना भी 50,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर को तोड़ने के करीब है। भारतीय वायदा बाजार में चांदी का भाव 23 जनवरी 2013 में 59,974 रुपए प्रति किलो तक उछला था जो कि इससे पहले का रिकॉर्ड स्तर था। चांदी का अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर 23 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चला गया है। कॉमेक्स सोने का भाव भी 1866.75 डॉलर प्रति औंस तक उछला जो कि नौ सितंबर 2011 के बाद ऊंचा स्तर है जब सोने का भाव 1881 डॉलर प्रति औंस के करीब था, जबकि कॉमेक्स पर सोने का भाव छह सितंबर 2011 में 1911.60 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जो कि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी के सितंबर एक्सपायरी अनुबंध में बुधवार को सुबह बीते सत्र के मुकाबले 3208 रुपए की तेजी के साथ 60550 रुपए प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले चांदी का भाव एमसीएक्स पर 58000 रुपए प्रति किलो पर खुला और 60,782 रुपए प्रति किलो तक उछला जो कि एक नया रिकॉर्ड है। एमसीएक्स पर सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 435 रुपए की तेजी के साथ 49,962 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले सोने का भाव एमसीएक्स पर 49,975 रुपए प्रति 10 ग्राम तक उछला जो कि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। जल्द ही सोना 50 हजारी बनने वाला है। उधर अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स में चांदी के सितंबर वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 1.163 डॉलर यानी 5.39 फीसदी की तेजी के साथ 22.720 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि कारोबार के दौरान कॉमेक्स पर चांदी का भाव 23.185 डॉलर प्रति औंस तक उछला। कॉमेक्स पर सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 14.75 डॉलर यानी 0.80 फीसदी की तेजी के साथ 1858.65 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव कारोबार के दौरान 1866.75 डॉलर प्रति औंस तक उछला।
नई दिल्ली । देश के सबसे बड़े और पुराने औद्योगिक घराने टाटा समूह के प्रमुख एन चंद्रशेखरन ने कोविड-19 के नियंत्रण के लिए परीक्षण में तेजी की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक बड़े पैमाने पर परीक्षण नहीं किए जाएंगे, इस महामारी पर काबू नहीं पाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के चलते हमने पिछले छह महीने में जो अनुभव किया, उसकी तुलना बहुत कम घटनाओं से की जा सकती है।’ उन्होंने कहा कि एक होकर काम करना, समूह की विशेषज्ञता का विकास करना, क्षमता बढ़ाने के लिए गठजोड़ करना, देश की आत्मनिर्भरता के लिए काम करना, रचनात्मक समाधान के लिए प्रौद्योगिकी को लागू करना और कठिन समय में लोगों की मदद करना, ये इस असाधारण समय की विशेषताएं हैं। टाटा समूह की सभी कंपनियों की होल्डिंग कंपनी और प्रवर्तक टाटा संस के चेयरमैन ने समूह के एक पत्र में कहा, ‘पिछले कुछ महीने बेहद चुनौतीपूर्ण रहे हैं, लेकिन इस दौरान सहयोग की भावना भी देखने को मिली है। मुझे गर्व है कि हमने इस बीमारी से लड़ने के लिए मिलकर काम किया है।’ चंद्रशेखरन ने आगे कहा, ‘अब, जैसा कि हम महामारी के बाद एक अनिश्चितता भरी यात्रा से गुजर रहे हैं, हमें ‘वन टाटा’ की मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए सरलता, तालमेल और सिद्धांत के पैमाने को सबसे ऊपर रखकर प्रतिक्रिया देनी होगी।’ उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के अधिक से अधिक परीक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, ‘जब तक हम बड़े पैमाने पर परीक्षण नहीं होंगे, तब तक इस महामारी को नियंत्रित नहीं किया जा सकेगा।’ उन्होंने कहा कि टाटा समूह ने परीक्षण को आसान, तेज और सस्ता बनाने के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश किया है।
कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमेडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग
बाजार में MRP से नौ गुना कीमत पर बिक रही कोरोना की दवा रेमेडेसिविर
नई दिल्ली/मुंबई| मोटे मुनाफे की गरज से कुछ लोग महामारी को भुनाने से भी नहीं चूक रहे. जांच से खुलासा हुआ है कि कोविड-19 के लिए एक अहम जीवनरक्षक दवा की जमाखोरी और कालाबाजारी की जा रही है और फार्मा सप्लाई चेन से जुड़े कुछ शातिर ही इस नापाक काम को अंजाम देने में लगे हैं.
अमेरिकी कंपनी गिलियड साइंसेज की निर्मित रेमडेसिविर को गंभीर रूप से बीमार कोरोनावायरस मरीजों के लिए उम्मीद की किरण के तौर पर देखा जाता है. क्लिनिकल ट्रायल्स में रिकवरी टाइम को कम करने में इस दवा की क्षमता साबित हुई है. गिलियड ने दवा के जेनेरिक संस्करण बनाने के लिए भारत में कई दवा निर्माता कंपनियों को लाइसेंस दिया है.
अंडरकवर जांच से सामने आया कि जिन लोगों को जीवित रखने के लिए रेमडेसिविर की जरूरत है, हो सकता है उनकी पहुंच इस तक दवा तक संभव न हो. वजह है ब्लैक मार्केट में इसकी बहुत ऊंची कीमत.
दिल्ली के साकेत के पड़ोस में स्थित जेकेएम फार्मेसी में वसीम नाम के एक वेंडर ने 45,000 रुपये में दवा की एक शीशी देने की पेशकश की. इंवेस्टीगेटिव टीम ने पाया कि आधिकारिक तौर पर दवा की एक शीशी की कीमत 5,400 रुपये है.
सरकार ने रेमडेसिविर की आपूर्ति प्रतिबंधित कर रखी है और इसकी ओवर-द-काउंटर बिक्री पर रोक है. लेकिन वसीम ने दवा का स्टॉक रखने का दावा किया और इसकी कीमत एमआरपी से नौ गुना बताई.
अस्पताल में भर्ती एक मरीज को आमतौर पर पांच दिनों के लिए रेमडेसिविर की छह शीशियों की जरूरत बताई जाती है. वसीम को अंडर कवर रिपोर्टर्स ने गंभीर रूप से कोविड-19 मरीज के तीमारदारों के तौर पर अपनी पहचान बताई.
-मार्च में बीएस6 मॉडल किया था लॉन्च
नई दिल्ली।बाइक बनाने वाली कंपनी सुजुकी की जिक्सर और जिक्सर एसएफ बाइक्स महंगी हो गई हैं। सुजुकी कंपनी ने इनकी कीमत 2,070 रुपये तक बढ़ा दी है। वर्तमान में बीएस6 जिक्सर का दाम अब 113,941 रुपये और बीएस6 जिक्सर एसएफ का दाम 123,940 रुपये हो गया है। वहीं, जिक्सर एसएफ मोटोजीपी वेरियंट की कीमत 124,970 रुपये हो गई है। सुजुकी मोटरसाइकल इंडिया ने मार्च में इन बाइक्स का बीएस6 मॉडल लॉन्च किया था। तब जिक्सर की कीमत 111,871 रुपये और जिक्सर एसएफ की 121,871 रुपये थी। वहीं, जिक्सर एसएफ मोटोजीपी एडिशन का दाम 122,900 रुपये था। ये कीमत दिल्ली में एक्स शोरूम की हैं। सुजुकी की इन दोनों बाइक में 155सीसी सिंगल-सिलिंडर, एयरकूल्ड इंजन दिया गया है। यह इंजन 8,000 आरपीएम पर 13.4 बीएचपी की पावर और 6,000 आरपीएम पर 13.8 एनएम टॉर्क जेनरेट करता है। बीएस4 वर्जन के मुकाबले बीएस6 वर्जन में इंजन का आउटपुट थोड़ा कम हुआ है। बीएस4 वर्जन में यह इंजन 14 बीएचपी की पावर और 14 एनएम टॉर्क जेनरेट करता था। इंजन 5-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है। बता दें कि सुजुकी ने हाल में ऐक्सेस 125 और बर्गमैन स्ट्रीट स्कूटर्स की कीमत में क्रमश: 1,700 रुपये और 1,800 रुपये का इजाफा किया है। कीमत में इजाफे के बाद अब जिक्सर और जिक्सर एसएफ बाइक्स 160सीसी सेगमेंट की अन्य प्रतिस्पर्धी बाइक्स के मुकाबले ज्यादा महंगी हो गई हैं। इस सेगमेंट में बजाज पल्सर एनएस160, टीवीएस अपाचे आटीआर 160 4वी, नई हीरो एक्सट्रीम 160आरऔर बीएस6 होंडा एक्स-ब्लेड जैसी बाइक शामिल हैं।
अधिकारियों ने गुरुवार को जानकारी दी कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और अन्य की 2,203 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं।
इस संदर्भ में अधिकारियों ने बताया कि ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत जारी अंतरिम आदेश के तहत डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल और धीरज वाधवन बंधुओं की संपत्तियां भी कुर्क की गई हैं। इसके अलावा एजेंसी ने कपूर की कुछ विदेशी संपत्तियों पर भी रोक लगाई है।
कपूर और उनके परिवार पर ईडी ने लगाया ये आरोप
ईडी का आरोप है कि कपूर और उनके परिवार के सदस्यों तथा अन्य लोगों ने बैंक के जरिए बड़े कर्ज देने के लिए रिशव्त ली। इन लोगों ने करीब 4,300 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई को इधर-उधर किया। बाद में यह कर्ज गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) बन गया। कपूर को केंद्रीय जांच एजेंसी ने मार्च में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
ईडी ने कपूर के खिलाफ छह मई को चार्जशीट दायर की थी। जिसके अनुसार उन्होंने कथित तौर पर बैंक का इस्तेमाल कर्ज का विस्तार करके रिश्वत लेने के लिए किया। एजेंसी ने पता लगाया कि कपूर की बेटी राखी कपूर डोइट क्रिएशन जर्सी लिमिटेड का संचालन करती हैं। इसमें 83 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और इसकी लंदन में तीन संपत्तियां हैं, जिसमें साउथ ऑड्ले स्ट्रीट स्थिति ऑफिस कम गेस्ट हाउस भी शामिल है। इसकी कीमत लगभग 107 करोड़ रुपये है और इसके अलावा रिहायशी संपत्ति भी है।
कई महंगी संपत्तियों की हुई पहचान
मालूम हो कि एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग जांच एजेंसी ने कपूर के परिवार और उनके द्वारा संचालित कंपनियों के स्वामित्व वाली कई महंगी संपत्तियों की पहचान की है। जिनमें दिल्ली, मुंबई, गोवा, लंदन, अमेरिका, यूके में बंगला, विला, क्लब, रिसॉर्ट, अपार्टमेंट, फार्मलैंड आदि अन्य शामिल हैं। इनकी कीमत हजारों करोड़ रुपये में है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि इन सभी को अवांछनीय कंपनियों को कर्ज देने की एवज में मिली रिश्वत के जरिए प्राप्त किया गया है।
नई दिल्ली | सीमा पर तनाव कम होने के साथ चीन चाहता है कि भारत परस्पर व्यापार सामान्य करने पर भी बात करे। चीन को सीमा पर तनाव के दौरान भारत द्वारा आर्थिक मोर्चे पर उठाए गए कदमों से आपत्ति है। पड़ोसी मुल्क चाहता है कि भारत सरकार उन कदमों की समीक्षा करे, जिससे चीनी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि भारत सरकार व्यापार मसले पर चीन को ठोस आश्वासन देने की स्थिति में नहीं है।
चीन की शर्त पर बात संभव नहीं
सूत्रों का कहना है कि व्यापार के मसले पर भारत सरकार पूरी नीति की समीक्षा कर रही है। इसलिए चीन की शर्त पर बातचीत शायद अब संभव नहीं होगी। भारत का पूरा फोकस अपना व्यापार घाटा कम करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर होगा। कूटनीतिक स्तर पर माना जा रहा है कि पोस्ट कोविड दुनिया में भारत व्यापार जगत में चीन के प्रति भरोसे की कमी से पैदा हुई रिक्तता को भरने के लिए बड़े कदम उठाएगा।
चीन विरोधी माहौल को भुनाएंगे
सूत्रों ने कहा, जिस तरह से व्यापार मोर्चे पर चीन विरोधी माहौल है, भारत उसे नहीं भुना पाता है तो एक बड़ा मौका हाथ से निकल जाएगा। चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियों को भारतीय राज्यों में जगह देने के अलावा भारत आसियान आरसीईपी में भी अपनी र्शतों पर आगे बढ़ने का माहौल बनाने का प्रयास करेगा। अमेरिका के साथ भी भारत का व्यापार पहले की तुलना में काफी बढ़ेगा।
मकड़जाल में नहीं फंसेगा भारत
सूत्रों ने कहा कि भारत आर्थिक मोर्चे पर अपने हितों को ध्यान में रखकर ही कोई कदम उठाएगा। कूटनीतिक स्तर पर एक बात स्पष्ट है कि भारत चीन के व्यापारिक मकड़जाल में अब नहीं उलझेगा। आर्थिक स्तर पर चीन को चुनौती देने वाले कई कदम आने वाले दिनों में देखने को मिल सकते हैं।
बाजार पर नजर
सूत्रों का कहना है कि कोविड संकट के दौरान चीन जिस तरह घिरा है उससे कम्युनिस्ट सरकार भारी दबाव में है। अमेरिका से व्यापार युद्ध के बीच भारत में चीन की कंपनियों के उत्पाद को लेकर प्रतिकूल माहौल है। ऑस्ट्रेलिया, जापान सहित कई देश चीन की गिरफ्त से निकलने की योजना में भारत के बाजार पर निगाह जमाए हुए हैं।
रेशम आयात कम किया जाएगा
मनरेगा से गांवों का विकास और मजदूरों को रोजगार देने में जुटी उत्तर प्रदेश सरकार अब मनरेगा योजना से राज्य में रेशम का उत्पादन बढ़ाने का काम करने जा रही है। मनरेगा कंवर्जेंस के तहत इस मद में 50 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। चीन से रेशम के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। गौरतलब है कि वाराणसी में बनने वाली बनारसी साड़ी के लिए भारी मात्रा में चीन से रेशम का आयात किया जाता है।
नई दिल्ली । वर्ष 2019-20 का गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर लगभग 22 हजार करोड़ रुपया बकाया है। ऐसे में सरकार किसानों को राहत देने के लिए एक अहम कदम उठाने जा रही है। जानकारी के मुताबिक सरकार जल्द ही चीनी का एमएसपी बढ़ा सकती है। सरकार चीनी की कीमतों में करीब 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बढ़ोतरी कर सकती है। सचिवों की एक कमेटी में चीनी की कीमत 2 रुपए बढ़ाने को मंजूरी भी मिल चुकी है। माना जा रहा है कि इस फैसले से शुगर मिलों का कैश फ्लो बढ़ जाएगा और कंपनियां आसानी से किसानों का भुगतान कर सकती हैं। पिछले ही हफ्ते सचिवों के एक ग्रुप ने चीनी की कीमत बढ़ाने को लेकर अपनी सहमति दे दी है। ये सुझाव देश के बड़े चीनी उत्पादक राज्यों की ओर से भी आया था। अब इस पर होने वाले आखिरी फैसले का इंतजार है। हालांकि नीति आयोग ने इस फैसले पर अपनी असहमति जताई है। चीनी उत्पादन वर्ष की गणना हर साल 1 अक्टूबर से अगले साल 30 सितंबर तक की जाती है। सरकारी अधिकारियों की मानें तो इस फैसले से किसानों को मदद मिले, ऐसे कदम उठाए जाएंगे। स्टेट एडवाइज्ड प्राइस के अनुसार चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का करीब 22 हजार 79 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं केंद्र सरकार के फेयर एंड रेम्युनेरेटिव प्राइस के अनुसार बकाया 17 हजार 683 करोड़ रुपए है।