छत्तीसगढ़

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एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार 1 जुलाई से कॉलेजों में कक्षाएं शुरू होनी हैं
नए सिलेबस से छात्रों को पढ़ाने कॉलेज के शिक्षक और लाइब्रेरी तैयार नहीं
बिलासपुर. स्नातक स्तर के सभी विषयों के सिलेबस में बदलाव हो गया है। इस बदलाव को अटल यूनिवर्सिटी ने स्वीकार भी कर लिया है। इसे स्वीकार करने यूनिवर्सिटी ने बोर्ड ऑफ स्टडी, विद्यापरिषद और कार्यपरिषद की आपात बैठक बुलाई और नए सिलेबस को यूटीडी व कॉलेजों में लागू करने निर्णय भी लिया। सभी निर्णय लेने के बाद भी यूनिवर्सिटी ने अभी तक कॉलेजों को इसकी जानकारी तक नहीं दी है।
नए सिलेबस को लागू करने के लिए आपात बैठक की थी
एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार 1 जुलाई से कॉलेजों में पढ़ाई शुरू होनी है, पर अभी तक शिक्षकों को पता ही नहीं है कि उन्हें पढ़ाना क्या है? यहां तक यूनिवर्सिटी नए सिलेबस को अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड नहीं कर पाई है। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में अभी तक 2017-18 का ही सिलेबस अपलोड है। 10 साल बाद अब स्नातक के सभी विषयों का सिलेबस बदल गया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्टडी कमेटी ने बीए, बीएससी गणित, बॉयोटेक्नॉलॉजी, जूलॉजी, बीकॉम सहित अन्य स्नातक विषयों के सिलेबस में बदलाव किया है। इस सिलेबस में वर्तमान समय की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम डाले गए हैं। अब अटल यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों में इस वर्ष स्नातक की पढ़ाई नए सिलेबस से होगी। यह निर्णय अटल यूनिवर्सिटी ने 14वीं विद्यापरिषद और 24वीं कार्यपरिषद की बैठक में लिया है।
अब ऐसे में शिक्षक परेशान हैं कि 1 जुलाई से शुरू हो रही कक्षाएं में वे छात्रों को क्या पढ़ाएंगे। वहीं नए सिलेबस के अनुसार अभी तक मार्केट में किताबें भी नहीं आई हैं। वहीं कॉलेजों की लाइब्रेरी में भी नए सिलेबस के अनुसार तैयार नहीं है। ऐसे में नए सत्र से यूनिवर्सिटी की गलती का खामियाजा कॉलेज के शिक्षक और छात्र भुगतेंगे।
जेपी वर्मा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल मुशरीफ ने कहा कि अभी तक यूनिवर्सिटी से नए सिलेबस से संबंधित कोई भी सूचना नहीं आई है। वहीं डीपी विप्र लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अन्नूभाई सोनी ने कहा कि लॉ के सिलेबस में थोड़ा बदलाव हुआ है। सिलेबस अभी राज्य की बोर्ड ऑफ स्टडी के पास जाएगा, फिर उसे लागू किया जाएगा। डीपी विप्र कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अंजू शुक्ला ने कहा कि मैं बाहर हूं, नए सिलेबस की जानकारी नहीं है। सीएमडी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने कहा कि एक जुलाई से पढ़ाई की तैयारी की जा रही है।
 
अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के पीआरओ प्रो. सौमित्र तिवारी ने कहा कि सभी प्रक्रियाएं पूरी कर सभी कॉलेजों में सिलेबस भेजने की तैयारी की जा रही है। मंगलवार को सभी कॉलेजों को सिलेबस भेज दिया जाएगा। वहीं यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया जाएगा।

आंगनवाड़ी से लौटते समय बस्तर हाट के पास सड़क पर बैठे कुत्तों ने किया हमला
बच्ची को सिर और शरीर पर आईं चोटें, गंभीर हालत में रायपुर किया गया रेफर
जगदलपुर. जिले के बस्तर ब्लॉक में आंगनवाड़ी से लौट रही पांच साल की एक बच्ची के ऊपर सड़क पर बैठे कुत्तों ने हमला कर दिया। कुत्तों ने बच्ची का कान नोंच लिया। इसके साथ ही बच्ची के सिर और शरीर पर भी चोटें आई हैं। बच्ची को गंभीर हालत में रायपुर रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। वहीं अस्पतालों में रैबीज के इंजेक्शन भी नहीं हैं।
घर के पास ही किया हमला, लोगों ने बचाया
जानकारी के मुताबिक, घटना बस्तर ब्लॉक में हुई। बताया जा रहा है कि पांच वर्षीया बच्ची सोमवार को आंगनवाड़ी से पढ़कर लौट रही थी। इसी दौरान बस्तर हाट के पास घर से कुछ दूरी पर ही सड़क पर बैठे आवारा कुत्तों ने बच्ची पर हमला कर दिया। कुत्ते ने बच्ची के कान को नोच लिया। इससे कान का एक हिस्सा बच्ची के शरीर से अलग हो गया हैञ इसके अलावा बच्ची के सिर पर भी गंभीर चोंटें आई हैं। मासूम को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
हमले के दौरान जहां बच्ची के सिर के पिछले हिस्से में कुत्ते के दांतों के निशान हैं तो वहीं दाहिना कान भी पूरी तरह से अलग हो गया है।  कुत्ते के हमले से लहू लुहान हो चुकी बच्ची को आसपास के लोगों ने किसी तरह छुड़ाया और उसके बाद उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज डिमरापाल भेजा गया। जहां बच्ची को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया है।  इस घटना से गांव में कुत्तों के बढ़ते आतंक को लेकर लोगों में गुस्सा है।

रायपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अंतागढ़ टेपकांड के मामले में एसआईटी आज तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार रहे मंतूराम का वायस सैंपल लेगी। इसके अलावा इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को भी वायस सैंपल देने के लिए नोटिस भेजा गया है। गौरतलब है कि 2012 में अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस उम्मीदवार रहे मंतूराम ने नाम वापस ले लिया था, इसमें सात करोड़ की डील का एक ऑडियो सामने आया था, जिसकी जांच एसआइटी कर रही है।

मंतूराम पवार एसआईटी ऑफिस पहुंच चुके हैं। यहां मंतूराम ने मीडिया से चर्चा एसआईटी के गठन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि खरीद फरोख्त के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। वाइस सैंपल लेने के मामले में उन्होंने कहा कि यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है, ऐसे में एसआईटी द्वारा वाइस सैंपल लेने की कार्रवाई पूरी तरह गलत है। उन्होंने एसआईटी के खिलाफ कोर्ट में आपत्ति जताई है।

 

अमित जोगी की चुनौती-- हिम्मत है तो गिरफ्तार करे सरकार

इधर अमित जोगी ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करके दिखाए। मामले की जांच के लिए बनी एसआइटी ने अमित और उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को वाइस सैंपल देने के लिए बुलाया था। दोनों पिता-पुत्र वाइस सैंपल देने नहीं गए। अब अमित ने यह चुनौती दे दी है।

रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मां बिंदेश्वरी बघेल की हालत बेहद नाजुक है. रामकृष्ण केयर अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. अस्पताल के वरिष्ठ डाक्टर अब्बास नकवी और डाक्टर प्रवास चौधरी ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि बिंदेश्वरी बघेल को कार्डियक अरेस्ट के बाद अस्पताल लाया गया था. उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी, साथ ही किडनी में इंफेक्शन भी पाया गया था. उन्होंने बताया कि फिलहाल डाक्टरों की विशेष टीम बेहतर इलाज मुहैया करा रही है.

इधर मुख्यमंत्री की मां की तबियत नाजुक होने के बाद सरकार के कई मंत्रियों और कांग्रेस नेताओं के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. हर कोई उनकी बेहतरी के लिए प्रार्थना कर रहा है. अस्पताल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मां को देखने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, शिव डहरिया, प्रेमसाय सिंह टेकाम पहुंचे हैं. साथ ही विधायक अनीता शर्मा, चंद्रदेव राय समेत कई विधायकों ने भी अस्पताल पहुंचकर हालचाल जाना है.

बता दें कि मां की तबियत बिगड़ने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. वह सुबह आठ बजे से ही अस्पताल पहुंच गए हैं.

बाकायदा प्रेस नोट जारी कर अस्पताल को दी है हरी झंडी, छह दिन पहले ही हुआ है दोनों अस्पतालों का उद्घाटन
इससे पहले निरीक्षण कर 20 जून को चिट्‌ठी जारी कर गिनाईं थीं कमियां, संचालन पर भी लगाई थी रोक
बिलासपुर. शहर में 6 दिन पहले जिन दो निजी अस्पतालों का उद्घाटन हुआ, उसे लेकर सरकारी अफसर ही गफलत में आ चुके हैं। प्रशासन को अस्पताल में सब कुछ ठीक होने की सफाई देनी पड़ रही है जबकि स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को दोनों अस्पतालों को कमियों को लेकर नोटिस थमाया था। इनमें से एक अस्पताल को प्रशासन सभी मानको में खरा बता रहा है। इसके लिए बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। जिस अस्पताल को प्रशासन ने हरी झंडी दिखाई है, उसके खिलाफ जनता कांग्रेस ने कलेक्टोरेट का घेराव कर उद्घाटन के एक दिन पहले ही आवेदन करने का आरोप लगाया था।
पहले कहा- एक माह बाद ही जारी हो सकता लाइसेंस, फिर दो दिन बाद ही निरीक्षण पूरा होने की बात कही
दरअसल, 17 जून को लाईफ केयर हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी होम एवं सिद्धिविनायक टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर और वंदना मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन के चौथे दिन 20 जून को लाइफ केयर अस्पताल को सीएमएचओ की तरफ से इस बात को लेकर नोटिस जारी किया गया था कि उनके द्वारा ऑनलाइन आवेदन 30 मई को किया गया था। एक्ट के अनुसार 1 माह से पहले लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता है इसलिए अभी अस्पताल में सभी तरह की गतिविधियां बंद रखी जाएं। ऐसे ही आदेश स्वास्थ्य विभाग ने वंदना अस्पताल के लिए भी जारी किए थे।
वंदना अस्पताल प्रबंधन को डॉक्टरों की कमी होने, नर्सों का रजिस्ट्रेशन न होने व आवेदन में एक्सरे मशीन का उल्लेख न करने के बावजूद इसका संचालन होते पाए जाने को लेकर नोटिस जारी किया गया। नोटिस में यह भी था कि सारी शर्तें पूरी होने तक अस्पताल संचालन नहीं किया जाए। प्रशासन की ओर से शनिवार को बताया कि सीएमएचओ ने रिपोर्ट सौंपी है। इसमें कहा गया है कि अस्पताल के पंजीयन के लिए 30 मई को ऑनलाइन आवेदन आया था। नर्सिंग होम एक्ट निरीक्षण दल ने 13 जून को संस्था का निरीक्षण किया। निरीक्षण दल ने संस्था को सभी मानकों के अनुरूप व उद्घाटन के लिए उपयुक्त पाया था।
उद्घाटन के दूसरे दिन कलेक्टोरेट में प्रदर्शन
जकांछ नेताओं ने अस्पतालों के उद्घाटन के दूसरे दिन कलेक्टोरेट में प्रदर्शन कर बताया कि लाईफ केयर हॅास्पिटल एंड मेटरनिटी होम एवं सिद्धिविनायक टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर के लिए प्रक्रिया को शिथिल करते हुए नर्सिंग होम की जांच के लिए कमेटी नहीं बनाई गई। नर्सिंग होम ने आवेदन ही 16 जून को किया था। जकांछ नेताओं ने पूर्व में नर्सिंग होम के 156 आवेदनों के लंबित रहते उक्त अस्पताल को खोलने के लिए दी गई अनुमति को लेकर भी सवाल खड़े किए। यह भी कहा कि जब सीएमएचओ कमेटी ने जांच ही नहीं की तो इसे क्यों और कैसे खोला गया।
अभी लाइसेंस नहीं दिया गया है
लाइफ केयर हॉस्पीटल को अभी लाइसेंस नहीं दिया गया है। जब तक पूरी तरह से नियमानुसार शर्तें पूरी नहीं होती तब तक लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। लाइसेंस देने के लिए आवेदन के बाद एक माह का समय लगता है।
डॉ. केके जायसवाल, नोडल ऑफीसर, नर्सिंग होम एक्ट

आयुष मंत्रालय के निर्देश पर आयुर्वेदिक कॉलेज में बनाई गई तीन सदस्यीय टीम
रायपुर. एक आमधारणा है कि आयुर्वेदिक दवाओं से फायदा नहीं होगा तो नुकसान भी नहीं होगा, लेकिन केंद्रीय आयुष मंत्रालय का कहना है कि आयुर्वेदिक दवाओं से भी साइड इफेक्ट हो सकता है। इसकी निगरानी के लिए आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसरों का सेल बना है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के साइड इफेक्ट की शिकायत सेल में की जा सकेगी। साथ ही, सेल की जिम्मेदारी ऐसे विज्ञापनों की निगरानी करना है, जिसमें वजन और ऊंचाई घटाने-बढ़ाने से लेकर अन्य तरह के चमत्कारी प्रभाव का दावा किया जाता है। आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. एसआर इंचुलकर को संयोजक बनाया गया है। डॉ. राकेश ठाकुर व जीवन साहू सेल के सदस्य हैं।
औषधियों से होने वाले नुकसान पर रिसर्च : दरअसल, इस पूरी कवायद का उद्देश्य आयुर्वेदिक औषधियों से होने वाले किसी भी तरह के नुकसान पर रिसर्च कर उसका हल निकालने की है। किसी औषधि से साइड इफेक्ट होने की सूचना सरकारी औषधालय के जरिए या सीधे आयुर्वेदिक कॉलेज में की जा सकेगी। जयपुर स्थित इंटर मीडियरी सेंटर के जरिए यह रिपोर्ट दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान भेजी जाएगी। यहां साइड इफेक्ट पर रिसर्च किया जाएगा। गड़बड़ी मिलने पर दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
 डॉक्टरों से बिना पूछे दवाई खाना गलत : डॉ. इंचुलकर ने बताया कि लोग साइड इफेक्ट नहीं होने के विश्वास से इंटरनेट, टीवी या अखबार का विज्ञापन देखकर डॉक्टर से बिना पूछे दवाई ले लेते हैं। आयुर्वेद में हर तरह की बीमारी के लिए औषधियों के अलग-अलग डोज हैं। इसकी जानकारी नहीं होने पर लोगों को नुकसान होता है। ऐसे में आयुर्वेद पद्धति के बारे में गलत धारणा बनती है, जबकि इसमें संबंधित कंपनी की दवा में गड़बड़ी या मरीज की अज्ञानता असल वजह है। फॉर्मेको विजिलेंस सेल का उद्देश्य गलत दवाइयों पर कार्रवाई करना है।

धरमजयगढ़ में देर रात हाथियों ने मचाया उत्पात, 8 दिन में 4 थी मौत सोलर इलेक्ट्रिक बेरिकेड्स नाकाम
सरगुजा से आया 13 हाथियों का समूह, कंचीरा रिजर्व फॉरेस्ट से सटे खेतों में लगी धान की फसल नष्ट की
रायगढ़. धरमजयगढ़ में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। शुक्रवार को सरगुजा से आए हाथियों के झुंड ने रात साढ़े 12 बजे पहले तो बोरो रेंज में ग्रामीण के घर की दीवार तोड़कर कोठी में रखा धान खाया और फिर बाहर आंगन में सो रही 55 वर्षीय महिला मंगली बाई को मार डाला। महिला की चीख सुनकर घर में सो रहे दूसरे सदस्यों ने किसी तरह भाग-छिपकर अपनी जान बचाई। 8 दिनों के भीतर इलाके में हाथी चार लोगों की जान ले चुके हैं।
वन विभाग की ओर से क्षेत्र में कराई गई मुनादी
क्षेत्र में 20 जून को सरगुजा वन मंडल के सटे जंगल से 13 हाथियों का समूह बोरो रेंज पहुंचा है। वर्तमान में यह समूह कंचीरा रिजर्व फारेस्ट के कम्पार्टमेंट नंबर 706 में विचरण कर रहे हैं। शुक्रवार की रात भी हाथियों ने कंचीरा से सटे पहाड़ के आसपास पहले 5 किसानों की धान की फसल चौपट की। इसके बाद सूखे धान की महक मिलते ही नर हाथियों के झुंड ने घर की दीवार तोड़ दी।
थोड़ी दूर पर मकान के आंगन में महिला मंगली बाई सोई हुई थी। हाथियों की आहट सुनते ही वह उठी, पर संभलने से पहले ही हाथी ने उसपर हमला कर दिया। हाथी ने रौंदकर महिला की जान ले ली। सूचना विभाग को मिलते फारेस्ट की टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र में जनहानि रोकने गांव में मुनादी की गई। मृतका के परिजन को 25 हजार रुपए की सरकारी सहायता दी गई है।
उत्पात रोकने अब बड़े हाथियों का लेंगे सहारा
वन मंडल में लगातार बढ़ रहे हाथियों के उत्पात के बाद एक्सपर्ट द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में छोटे शावकों द्वारा ज्यादा उत्पात मचाने की बात कही गई है। यहां तक की बीते एक सप्ताह छाल में उत्पात मचाने वाला हाथी गणेश भी छोटे शावकों में से एक है और यह अपने झुंड से बिछड़ गया है। ऐसे में अब विभाग इसके उत्पात को कम करने के लिए कुमकी हाथी बाहर से मंगवाने की तैयारी कर रहा है। शोध के अनुसार बड़े हाथियों की मौजूदगी में शावक कम उत्पात मचाते हैं।
लगातार ले रहे हैं जान
8 दिनों में धरमजयगढ़ में हाथी ने 4 लोगों की जान ली। 14 जून की शाम छाल रेंज के कांसाबहार सर्किल में मजदूरी कर लौट रहे श्रमिक की जान ली। भुंडी बहरी में कुड़ेकला बीट गार्ड मुकेश पांडेय व कोरबा रामपुर के युवक भुजेंद्र राठिया को सड़क पर रौंदा दिया। चौथी घटना शुक्रवार की रात हुई।
हाथी का नाम गणेश
छाल रेंज में एक ही तरह से तीन लोगों की जान लेने वाले हाथी की पहचान कर विभाग ने गणेश नाम दिया है। ताकि इसकी सतत निगरानी की जा सके। विभाग जल्द ही इसे वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट की मदद से जीपीएस कॉलर पहनाएगा। कॉलर की मदद से लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी।
फिलहाल हम बेरिकेड्स लगा रहे हैं
इन्हें रोकने के लिए हमारे पास कोई और बेहतर विकल्प नहीं है, फिर भी पूरी कोशिश कर रहे हैं। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मुनादी और इन्हें जंगल भीतर रोकने सोलर बेरिकेड्स लगा रहे हैं। इससे कुछ जगहों पर मदद भी मिल रही है। शासन से हमने छोटे और उत्पाती हाथियों को सुधारने के लिए बाहर से बड़े हाथी बुलाने की मांग की हैं।
प्रणय मिश्रा, डीएफओ धरमजयगढ़ वन मंडल

रायपुर। भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने वादाखिलाफी और सरकार की नीतियों जनविरोधी करार दिया है। बूढ़ापारा धरना स्थल पर बड़ी संख्या में भाजपा नेता एकत्रित होकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ आवज बुलंद कर रहे हैं।

धरना प्रदर्शन में पूर्वी सीएम रमन सिंह के साथ पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, नंदे साहू, नवीन मार्कण्डेय, संजय श्रीवास्तव, राजीव अग्रवाल, छगन मूंदड़ा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता मौजूद हैं। बता दें वादाखिलाफी, बिजली कटौती, कर्जमाफी एवं किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर भाजपा जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन कर रही है।

रायपुर। कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में मची उथल-पुथल और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से नए अध्यक्ष के लिए पार्टी के आला नेताओं को अधिकृत करने का असर अब छत्तीसगढ़ के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा पर भी पड़ रहा है। बदले राजनीतिक समीकरण में यह संकेत मिल रहे हैं कि अब सीतापुर से चार बार के विधायक अमरजीत भगत को प्रदेश अध्यक्ष की जगह भूपेश सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। राहुल गांधी से गुस्र्वार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुलाकात की थी।

कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो इस दौरान राहुल ने भगत को मंत्री बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। सबकुछ ठीक रहा तो भगत को विधानसभा सत्र से पहले मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और मंत्री टीएस सिंहदेव ने राहुल गांधी से मुलाकात की।

महंत के साथ उनकी पत्नी कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत भी गई थी। दोनों नेताओं ने राहुल गांधी को जन्मदिन की शुभकमनाएं दी और प्रदेश के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। वहीं, मंत्री टीएस सिंहदेव भी प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के साथ राहुल गांधी से मिलने पहुंचे। करीब 20 मिनट की चर्चा में सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज के साथ लोकसभा चुनाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हुई थी, इसलिए वे शुक्रवार को मिलने पहुंचे थे। इधर, कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो अमरजीत भगत को पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर सहमति बनती नजर आ रही थी। लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने की अटकलों के बीच अब नए समीकरण बन रहे हैं।

चर्चा है कि अगर राहुल गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अगला कार्यकाल लेते हैं तो अधिकांश प्रदेश के अध्यक्षों को बदला जाएगा। अगर राहुल की जगह कोई नया राष्ट्रीय अध्यक्ष आता है, तो प्रदेश अध्यक्ष बदलना तय है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष की कमान अभी फिलहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास ही रहेगी।

कांग्रेस की राजनीति के जानकारों की मानें तो राहुल गांधी ने प्रदेश के चारों वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर ली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, मंत्री ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंहदेव ने मुलाकात के दौरान प्रदेश के राजनीतिक हालात की जानकारी दी है।

अब तक प्रदेश के नेताओं का फोकस नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर था। लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात के बाद समीकरण बदल गये। सरगुजा लोकसभा में सभी विधायक कांग्रेस के होने के बाद भी लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए रेणुका सिंह को मंत्री बनाया है। अब प्रदेश में भी अमरजीत को मंत्री बनाकर भविष्य के चुनावी समीकरण को साधने की कांग्रेस कोशिश करेगी।

रायपुर। बिजली की उपलब्धता के मामले में छत्तीसगढ़ देश के श्रेष्ठ पांच राज्यों में शामिल है। बिजली कंपनी ने केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 22 घंटें तक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। बिजली कंपनी के अध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ला ने कहा कि राज्य में बिजली की अधोसंरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए अत्याधुनिक टेक्नालाजी का उपयोग किया जा रहा है, फलस्वरूप निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है।

प्रदेश में स्थापित विद्युत प्रणालियों में आने वाली खराबी तथा इससे उत्पन्न् व्यधान को न्यूनतम समय में पूरा करने में कामयाबी मिली है। शुक्ला ने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने अपने वेबपोर्टल पर विभिन्न् प्रदेशों की बिजली व्यवस्था का मूल्यांकन कर राज्यों को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु रेटिंग किया गया। इस सूची में छत्तीसगढ़ राज्य के बिजली व्यवस्था को देश के उत्कृष्ट श्रेणी में अंकित किया गया।

केंद्र सरकार की सेफी (सिस्टम एवरेज इंटरप्शन फ्रिक्वेंसी इंडेक्स) की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के डिवीजनों के फीडरों का भी मूल्यांकन किया गया। इस प्रतिवेदन के अनुसार छत्तीसगढ़ के फीडरों को टॉप थ्री में स्थान दिया गया है।

अध्यक्ष शुक्ला ने बताया कि देश भर के विभिन्न् राज्यों के ग्रामीण फीडरों में बिजली की उपलब्धता 9 से 22 फीसद तक रही। इसकी तुलना में छत्तीसगढ़ राज्य में औसतन प्रतिदिन 22 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। ग्रामीण अंचलों में बिजली की आवश्यकता कृषि कार्यों में सर्वाधिक होता है।

कृषि पम्पों के लिए पृथक किए गए ग्रिड में निश्चित समय के लिए बिजली बंद की जाती है अन्यथा ऐसे फीडर, जिनमें कृषि पम्पों के साथ अन्य कनेक्शन भी हैं, उनमें निरंतर विद्युत प्रवाह सुनिश्चित किया जाता है।

केवल आंधी-तूफान व भारी वर्षा के समय ब्रेकडाउन अथवा मरम्मत कार्यों के लिए शटडाउन लेने पर बिजली सप्लाई प्रवाहित होती है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि कम से कम समय में बिजली सप्लाई पुन: चालू कर ली जाए।

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