छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17642)

इंजीनियरिंग काॅलेजाें में एडमिशन के लिए 6 जून से पीईटी की काउंसिलिंग शुरू होगी
8 कॉलेजों में एडमिशन बंद होने से इस बार इंजीनियरिंग की लगभग तीन हजार सीटें घटी हैं
भिलाई. इंजीनियरिंग काॅलेजाें में एडमिशन के लिए 6 जून से पीईटी की काउंसिलिंग शुरू हो जाएगी। वहीं, फार्मेसी काॅलेजों में प्रवेश के लिए पीपीएचटी की काउंसिलिंग 12 जून से शुरू होगी। 8 कॉलेजों में एडमिशन बंद होने से इस बार इंजीनियरिंग की लगभग तीन हजार सीटें घटी हैं। वहीं, दो कॉलेज बढ़ने से फॉर्मेसी की सीटों की संख्या बढ़ी है। पीईटी से इस बार 37 कॉलेजों की 15 हजार 404 सीटों पर एडमिशन दिया जाएगा।
पिछली बार 45 कॉलेजों की 18 हजार 529 सीटों पर एडमिशन दिया गया था। बी-फार्मेसी की पहले 1189 सीटें थीं, जो अब 1315 हो गई हैं। वहीं, डी फार्मेसी की सीटें 1229 से बढ़कर 1481 हो गई हैं। जॉइंट सेक्रेटरी अजय गर्ग ने बताया कि स्टूडेंट्स को इस बार काउंसिलिंग के दौरान ही ब्रांच बदलने का मौका मिलेगा। इसका शेड्यूल जारी हुआ है।
ये है काउंसिलिंग प्रोसेस
तकनीकी संचालनालय से मिली जानकारी के अनुसार काउंसिलिंग के लिए डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर लॉगिन कर स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। सबसे पहले स्टूडेंट्स को पीईटी परीक्षा की रैंक के अनुसार काउंसिलिंग डेट पर वेबसाइट में बारहवीं की अंक सूची और निवास प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा। रजिस्ट्रेशन नंबर मिलने के बाद कॉलेज की प्राथमिकता और ब्रांच की प्राथमिकता सबमिट करनी होगी। अगस्त में ओपन काउंसिलिंग से एडमिशन का मौका दिया जाएगा। हर जिले में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए सेंटर बनाए गए हैं।
 
इंजीनियरिंग की 15404 सीटें
37 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं राज्य में। 8 कॉलेज कम हुए।
15 हजार 280 स्टूडेंट्स पीपीएचटी में में हुए थे शामिल।
15 हजार 404 सीटों पर दिया जाएगा एडमिशन। 3125 सीटें कम हुईं।
15 हजार 49 स्टूडेंट्स पीईटी में हुए थे शामिल।

फॉर्मेसी की 2796 सीटें
17 बी-फार्मेसी और 24 डी फार्मेसी कॉलेज हैं राज्य में। इस बार दो कॉलेज बढ़े।
2796 (बी फार्मेसी- 1315, डी फार्मेसी - 1481) सीटों पर दिया जाएगा एडमिशन।

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश के बाद जेल से छोड़ा गया, कलाकारों ने बंगले में जाकर की मुलाकात
अंबुजा मॉल स्थित मल्टीप्लेक्स के बाहर पुलिस ने की कार्रवाई, राज्य में कई जगहों पर चल रहा है प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में लगाए जाने की मांग कर रहे हैं कलाकार, एसोसिएशन ने किया इनका
रायपुर. छत्तीसगढ़ी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में लगाए जाने की मांग रहे कलाकारों को पुलिस ने बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है। छत्तीसगढ़ी कलाकार अंबुजा मॉल स्थित मल्टीप्लेक्स के बाहर प्रदर्शन कर है थे। कलाकारों को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। हालांकि दोपहर में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश पर कलाकारों से रिहा कर दिया गया। इसके बाद कलाकारों ने बंगले पर जाकर गृहमंत्री साहू से मुलाकात भी की। कलाकार मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं एसोसएिशन ने छत्तीसगढ़ी फिल्में मल्टीप्लेक्स में लगाने से इनकार कर दिया है।
एसोसिएशन तैयार, पर कलाकार हिंदी फिल्मों की तरह प्रदर्शन चाहते हैं
जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता, निर्देशक, कलाकारों सहित फिल्म निर्माण जुड़े सभी लोग अपनी मांग को लेकर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। राजधानी में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ कलाकार अंबुजा मॉल, मैग्नेटो मॉल, पीवीआर सहित सभी अलग-अलग मॉल में प्रदर्शन कर रहे थे। इसके अलावा कलाकारों का बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई-राजनांदगांव  में मॉल, सिटी सेंटर में संचालित मल्टीप्लेक्स सिनेमा के बाहर प्रदर्शन किया।
दरअसल, मंगलवार को सरकार के हस्ताक्षेप के बाद एसोसिएशन की ओर से सहमति बन जाने की बात कही गई थी, लेकिन अपनी नियम और शर्तों के अनुसार छत्तीसगढ़ी कलाकार मल्टीप्लेक्स में फिल्में लगवाना चाहते हैं। इसके बाद एसोसिएशन ने मेल कर उन्हें प्रदर्शन करने से रोक दिया। कलाकारों का कहना है कि जैसे अन्य हिंदी फिल्मों को दिखाया जाता है वैसा ही छत्तीसगढ़ी फिल्मों को भी दिखाया जाए।
गृहमंत्री के साथ 6 जून को होगी कलाकारों की मीटिंग
जेल से छूटने के बाद कलाकार गृहमंत्री से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे। जहां पर कलाकारों को आश्वासन दिया गया है। वहीं बताया गया कि 6 जून को मीटिंग रखी गई है, इसमें सभी प्रकार के छत्तीसगढ़ी कलाकार, फ़िल्मकार, निर्देशक, निर्माता सभी से एक एक घंटा चर्चा कर इसके बीच का उपाय निकाला जाएगा। उसके बाद आगे क्या करना चर्चा से निकले बिंदुओं पर आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कलाकारों का कहना है कि ये प्रदर्शन है सरकार के ख़िलाफ़ नहीं हैं बल्कि मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ है। जो छत्तीसगढ़ी लोगों और कलाकारों को अपमानित करते हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ी मूवी नहीं लगाते हैं। इस तरह सिनेमाघरों के मालिकों द्वारा अपमान किया जा रहा है जिसके ख़िलाफ़ आज का धरना प्रदर्शन था।

  • गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश के बाद जेल से छोड़ा गया, कलाकारों ने बंगले में जाकर की मुलाकात
  • अंबुजा मॉल स्थित मल्टीप्लेक्स के बाहर पुलिस ने की कार्रवाई, राज्य में कई जगहों पर चल रहा है प्रदर्शन
  • छत्तीसगढ़ी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में लगाए जाने की मांग कर रहे हैं कलाकार, एसोसिएशन ने किया इनका

रायपुर. छत्तीसगढ़ी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में लगाए जाने की मांग रहे कलाकारों को पुलिस ने बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है। छत्तीसगढ़ी कलाकार अंबुजा मॉल स्थित मल्टीप्लेक्स के बाहर प्रदर्शन कर है थे। कलाकारों को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। हालांकि दोपहर में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश पर कलाकारों से रिहा कर दिया गया। इसके बाद कलाकारों ने बंगले पर जाकर गृहमंत्री साहू से मुलाकात भी की। कलाकार मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं एसोसएिशन ने छत्तीसगढ़ी फिल्में मल्टीप्लेक्स में लगाने से इनकार कर दिया है।

एसोसिएशन तैयार, पर कलाकार हिंदी फिल्मों की तरह प्रदर्शन चाहते हैं

  1.  

    जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता, निर्देशक, कलाकारों सहित फिल्म निर्माण जुड़े सभी लोग अपनी मांग को लेकर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। राजधानी में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ कलाकार अंबुजा मॉल, मैग्नेटो मॉल, पीवीआर सहित सभी अलग-अलग मॉल में प्रदर्शन कर रहे थे। इसके अलावा कलाकारों का बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई-राजनांदगांव  में मॉल, सिटी सेंटर में संचालित मल्टीप्लेक्स सिनेमा के बाहर प्रदर्शन किया। 

     

  2.  

    दरअसल, मंगलवार को सरकार के हस्ताक्षेप के बाद एसोसिएशन की ओर से सहमति बन जाने की बात कही गई थी, लेकिन अपनी नियम और शर्तों के अनुसार छत्तीसगढ़ी कलाकार मल्टीप्लेक्स में फिल्में लगवाना चाहते हैं। इसके बाद एसोसिएशन ने मेल कर उन्हें प्रदर्शन करने से रोक दिया। कलाकारों का कहना है कि जैसे अन्य हिंदी फिल्मों को दिखाया जाता है वैसा ही छत्तीसगढ़ी फिल्मों को भी दिखाया जाए। 

     

  3. गृहमंत्री के साथ 6 जून को होगी कलाकारों की मीटिंग

     

    जेल से छूटने के बाद कलाकार गृहमंत्री से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे। जहां पर कलाकारों को आश्वासन दिया गया है। वहीं बताया गया कि 6 जून को मीटिंग रखी गई है, इसमें सभी प्रकार के छत्तीसगढ़ी कलाकार, फ़िल्मकार, निर्देशक, निर्माता सभी से एक एक घंटा चर्चा कर इसके बीच का उपाय निकाला जाएगा। उसके बाद आगे क्या करना चर्चा से निकले बिंदुओं पर आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कलाकारों का कहना है कि ये प्रदर्शन है सरकार के ख़िलाफ़ नहीं हैं बल्कि मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ है। जो छत्तीसगढ़ी लोगों और कलाकारों को अपमानित करते हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ी मूवी नहीं लगाते हैं। इस तरह सिनेमाघरों के मालिकों द्वारा अपमान किया जा रहा है जिसके ख़िलाफ़ आज का धरना प्रदर्शन था। 

कोरबा। पाली ब्लॉक के ग्राम केराझरिया में मंगलवार को सीएम के सभा के दौरान मुख्य सचिव सुनील कुजूर से आइडी दिखाने की बात कहना ड्यूटी पर तैनात दर्री थानेदार रघुनंदन प्रसाद शर्मा को महंगा पड़ गया। नाराज मुख्य सचिव ने इसकी शिकायत आइजी से कर दी, जिसके बाद थानेदार को निलंबित कर दिया गया।

मुख्य सचिव ने जैसे ही अपना परिचय थानेदार को दिया, उन्होंने माफी भी मांग ली। बता दें कि मंगलवार को ही थानेदार शर्मा का जन्मदिन था। ऐसे में महकमे में इस कार्रवाई की चर्चा होती रही। इसी कार्यक्रम के दौरान स्टाल के निरीक्षण के समय कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर को एक सुरक्षाकर्मी ने रोका तो वे उखड़ गए। हालांकि बाद में उन्हें जाने दिया गया।

भिलाई। दोस्त के जन्मदिन पर आधी रात को शराब के नशे में सड़क पर हुल्लड़ मचा रहे आधा दर्जन युवकों ने मिलकर पुलिस की पिटाई कर दी। लोगों की शिकायत पर पुलिस उन्हें शांत कराने पहुंची थी। इस घटना में आरक्षक सविंदर सिंह और लक्ष्मीनारायण को चोट आई है। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दो आरोपी की तलाश पुलिस कर रही है। घटना शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 1 बजे सूर्या मॉल स्टेट बैंक एटीएम के पास की है। स्मृति नगर चौकी प्रभारी बीपी शर्मा ने बताया कि रात में सूचना पर पेट्रोलिंग ड्यूटी पर तैनात आरक्षक सविंदर सिंह और लक्ष्मीनाराण मौके पर पहुंचे। वहां दर्जनभर युवक शराब के नशे में सड़क पर हुल्लड़ कर रहे थे। सविंदर और लक्ष्मी नारायण ने उन्हें मना किया कि रात के एक बज रहे हैं। सब अपने-अपने घर जाइए।
इससे आरोपी रोशन कुमार, सिद्धांत कुमार, अविनाश, सत्यम, शुभम चौधरी, राकेश मिश्रा, आसु हुसैन और मुकुल पेंडार समेत अन्य आक्रोशित हो गए। कौन पुलिस वाला है जो हमारे दोस्त के जन्मदिन में खलल डाल रहा है, ऐसा बोलते हुए सब जवनों से गाली गलौज करने लगे। दोनों आरक्षकों ने समझाने का प्रयास किया। लेकिन शराब के नशे में युवकों ने वर्दीधारी की एक न सूनी और डंडा बरसाने लगे। स्मृति नगर पुलिस ने आठ आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 186, 353, 332, 294, 506 के तहत अपराध दर्ज किया।

भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर-7 , राजयोग भवन में हर सण्डे चलने वाली डिवाईन ग्रुप के क्लास में ब्रह्माकुमारी मीली बहन ने बच्चों को कहा कि जैसे हमारे दोस्त होंगे वैसे ही हम बन जाते है। संग का रंग कब हमें बदल देता है हमें पता ही नहीं चलता। गलत संग के कारण पराक्रमी योद्धा कर्ण युद्ध हार गया क्योंकि उसने कौरव दुर्योधन से दोस्ती की और पाण्डवों ने श्री कृष्ण से। हमेशा सच्चे दोस्त बनाये जो हमे सत्य मार्ग पर ले जाये। जो दोस्त ये राय दे कि चुपचाप घुमने चलों घर पर क्या पता चलेगा वैसा दोस्त खुद डुबेगा और हमें भी डुबायेगा। हमें जीवन में सही दोस्त का चुनाव करना चाहिए। कृ ष्ण की दोस्ती ने सुदामा को कितना ऊंच बना दिया। जीवन के तीन जरूरी दोस्त के बारे में आपने बताते हुए कहा कि पहला  सबसे सच्ची दोस्त हमारी माँ है । हमें जन्म देकर जब हम बोल भी नही सकते थे तो भी वह हमारी बात समझ कर हमारी जरूरते पुरी कर देती थी , तो क्या वह अब हमारी बात नही समझ पायेगी। माँ अगर कोई बात के लिए मना करे तो हमें बुरा क्यों लगता है , जबकि इस संसार में हमारें बारे में उनसे अच्छा कोई सोच नही सकता। दुसरा दोस्त हमारे पिता जिस पिता ने अपना जीवन हमारे नाम कर दिया यदि उसने हल्का सा डांटा तो हम पलटकर जवाब देंगें या रूठ जायेंगे। आज हम जो है वह पिता के कारण वो नही होते तो हम भी नही होते। तीसरा और सच्चा दोस्त परमात्मा जिसने मुझे ऐसे माता पिता दिये मुझे इतना अच्छा जीवन दिया तो वह खुद कितना सुंदर होगा। इसलिए मुझे इस जीवन की कद्र करनी है। ये तीनों बेस्ट फ्रेन्डस का हाथ जीवन में कभी नही छोडना है। आई एम बेस्ट फ्रेन्ड ऑफ गॉड का स्लोगन पक्का कराकर सभी को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया गया।

भिलाई। हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू ने बताया कि संयंत्र की रक्षा सीटू की पहली प्राथमिकता है. सीटू इस बात को  इसीलिए  बार-बार दोहरा रहा है  क्योंकि  संयंत्र  में  नया प्रोजेक्ट आने के बाद भी  जिस तरीके की स्थितियों का निर्माण किया जा रहा है  एवं  उन स्थितियों से संयंत्र को सुरक्षित बाहर निकालते हुए उत्पादन को बढ़ाने की बजाय  संयंत्र के छोटे छोटे इकाइयों को  संचालन हेतु  ठेका अथवा आउट सोर्स किया जा रहा है वह संयंत्र के लिए ठीक नहीं है। क्योंकि हमारी पूरा जीवन इस संयंत्र से जुड़ा हुआ है, हमें वेतन से लेकर टाउनशिप तक, शिक्षा से लेकर चिकित्सा तक, सब कुछ  इसी संयंत्र की बूते पर मिलता है। इसीलिए हर हाल में संयंत्र को बचाना एवं उसके उत्पादन को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। सीटू नेता ने कहा की वर्तमान सरकारें जिस तरह की नीतियों को अपना रही है, उससे यह स्पष्ट है कि वह सार्वजनिक उद्योगों को चलाना नहीं चाहती है। इसीलिए मौजूदा केंद्र सरकार के मुखिया की तरफ से बहुत पहले ही यह बयान आ चुका है कि सार्वजनिक उद्योग पैदा होते हैं मरने के लिए द्य इस तरह की सोच, एवं अपनाई जा रही नीतियां यह स्पष्ट कर देती हैं कि यही स्थिति जारी रही  तो सार्वजनिक उद्योग क्रम से खत्म होते चले जाएंगे। सीटू ने1991 के तत्कालीन सरकार द्वारा दिए गए बयान एवं लागू की गई नई आर्थिक एवं औद्योगिक नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र में मौजूद दोनों प्रमुख पार्टियां नई आर्थिक एवं औद्योगिक नीतियों के पक्षधर हैं। अर्थात 1991 में एक पार्टी ने प्रमुखता के साथ नई आर्थिक व औद्योगिक नीति को संसद के पटल पर रखा था एवं दूसरी प्रमुख पार्टी ने बिना किसी लाग लपेट के स्पष्ट रूप से उन नीतियों का समर्थन किया था। इसके साथ ही देश के अंदर फिर से निजीकरण का दौर शुरू हो गया एवं सार्वजनिक उद्योगों को धीरे-धीरे ही सही खत्म कर देने के मंसूबों पर मुहर लग गई । तब से लेकर आज तक सीटू सहित कुछ ट्रेड यूनियन ने लगातार सार्वजनिक उद्योगों के रक्षा के लिए संघर्षरत हैं। सीटू का मानना है कि जब पूरी की पूरी सरकार ही सार्वजनिक उद्योगों के खिलाफ कमरकस के खड़ी हो गई है तब सार्वजनिक उद्योगों की रक्षा करते हुए अपने रोजगार को बचाने के लिए मजदूरों के सामने संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है। क्योंकि संघर्षों को तेज करते हुए मजदूरों की आवाज को बुलंद किए बिना सार्वजनिक उद्योगों की रक्षा करना लगभग नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है। सीटू नेता ने कहा कि आजादी के बाद से ही सार्वजनिक उद्योग देश की रीड है जब देश आजाद हुआ, तब टाटा का एक स्टील प्लांट हुआ करता था उसको छोड़कर हमारे देश के अंदर सुई से लेकर सभी किस्म के उत्पाद विदेश से बनकर आते थे,तब देश की आर्थिक स्वतंत्रता एवं विकास के लिए जनता के पैसे से  जनता के द्वारा जनता के लिए सार्वजनिक उद्योगो की कल्पना की गई। जिसके तहत सर्वप्रथम भिलाई इस्पात संयंत्र तत्कालीन समाजवादी देश सोवियत रूस की मदद से आया, उसके बाद देश में आए सार्वजनिक उद्योगों ने तब से लेकर अब तक विकास के रास्ते को तय करते हुए देश को इस मुकाम तक लाए हैं।
आज चंद बड़े पूंजीपति एवं उनकी नुमाइंदगी करने वाली सरकारें सार्वजनिक उद्योगों को खत्म कर देश की रीड की हड्डी तोडऩा चाहते है कर्मियों एवं देश की जनता के सामने इस बात को साबित कर चुका है, कि केंद्र सरकार की एजेंडा में प्राथमिकता के तौर पर सार्वजनिक उद्योगों को खत्म कर देने की बात स्पष्ट है।
  इसीलिए यदि सरकार वापस आती है तो निश्चित रूप से सार्वजनिक उद्योगों के निजीकरण एवं पूरी तरीके से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की प्रक्रिया प्रारंभ होगी, जिसे अब हम सच होता देख रहे हैं। केंद्र सरकार शपथ लेते ही नीति आयोग के माध्यम से 46 उद्योगों को निजी करने एवं 51 उद्योगों मैं शत-प्रतिशत प्रत्यक्षविदेशी निवेश को बढ़ाने संबंधी वक्तव्य जारी किया है जो कि सार्वजनिक उद्योग के संदर्भ मे देश के हित में नहीं है।

तखतपुर के छिरहाखार गांव के खेत में लोगों ने देखा सुबह,
मजदूरी करने के लिए निकला था, पर देर रात तक नहीं लौटा
बिलासपुर. तखतपुर थाना अंतर्गत छिरहाखार गांव में सोमवार सुबह एक युवक की संदिग्ध अवस्था में शव बरामद हुआ है। शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। परिजनों का आरोप है कि प्रेम प्रसंग के चलते उनके बेटे की हत्या की गई है। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
शरीर पर मिले चोट के निशान
जानकारी के मुताबिक, शव की पहवान कालीचरण गोंड (20) के रूप में हुई है। वह ठाकुरकापा गांव का रहने वाला था। पुलिस ने बताया कि युवक रविवार को मजदूरी करने के लिए घर से निकला था, इसके बाद नहीं लौटा। सुबह लोगों ने खेत में शव पड़ा देखा तो पुलिस को सूचना दी।
युवक के शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं। ऐसे में उसकी हत्या की आशंका जताई जा रही है। वहीं परिजनों का कहना है उनके बेटे की किसी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग था। हालांकि उसके बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। परिजनों का अंदेशा है कि प्रेम प्रसंग के चलते ही उनके बेटे की हत्या की गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

अलगे कुछ घंटों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं
मौसम विभाग का अनुमान है कि प्रदेश के अधिकांश जिलों में हो सकती है बारिश
रायपुर. नौतपा खत्म होने के बाद मौसम करवटें लेने की तैयारी में है। तेज धूप और गर्मी से प्रदेशवासियों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग का अनुमान है कि प्रदेश में अगले कुछ घंटे यानी दोपहर बाद घने बादल छा सकते हैं और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती है। मौसम विभाग का अनुमान है ओडिशा समेत छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्से में दोपहर बाद बारिश होने की संभावना है।  

नौतपा रविवार को खत्म हो गया। इसके बावजूद अगले कुछ दिनों उत्तर पश्चिम से आ रही गरम हवा अपने प्रचंड रूप में रहेगी। हालांकि पूर्वी यूपी से मणिपुर तक द्रोणिका बनी है। इसकी वजह से बादल आ रहे हैं। रविवार को रायपुर में अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री रहा। पिछले कुछ सालों में इस बार नौतपा सबसे ज्यादा तपा। 25 से लेकर 2 जून तक पारा 43 से 45 डिग्री के बीच रहा।

नौतपे में बारिश नहीं होना अच्छा संकेत
ज्योतिष शास्त्री पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि नौतपे में बारिश नहीं होना मानसून के लिहाज से अच्छा संकेत है। पंचांग के मुताबिक नौतपे के दौरान अगर बारिश नहीं होती है तो सीजन में अच्छा पानी गिरता है। इस साल बारिश काफी अच्छी हो सकती है।

किसी भी तरह का कोई लोकल सिस्टम नहीं
पिछले कुछ सालों में नौतपे के दौरान बारिश होती रही है। लोकल सिस्टम बनने की वजह से राजधानी में पानी गिरता रहा है, लेकिन इस साल 25 मई से लेकर अब तक किसी भी तरह का कोई लोकल सिस्टम डवलप नहीं हुआ।

धमतरी।  शहर के गंगरेल रोड स्थित वन्दना वन मे स्विमिंग पूल के नाम से केवल पैसो कि वसुली कि जा रही है और सुविधा शुन्य के बराबर दि जा रही है वही पुल मे पानी तो है लेकिन किङो माकोङो से भरा हुआ और पुल के आस पास कचरो से भरा ढेर जमा है जो वहां गर्मीयो का मजा लेने आ रहे सैलानीयो के स्वस्थ के लिए हानिकारक भी हो सकता है इसके साथ वहां के बाथरूम मे भी किसी प्रकार कि कुछ सुविधाओं नहीं है जैसे नल टूटे हुऐ है बाथरूम का टाइल्स उगङा हुआ है कई महिनो से सफाई का नामों निशान नहीं है और कई एडवेंचर के उपकरण महिनों से बंद पङे पङे सढ गये है लेकिन प्रशासन द्वारा कुछ कदम नहीं उठाया जा रहा है कलेक्टर सर से निवेदन है एक बार इस जगह का निरिक्षण करे और पुल बंद कराये यह फिर पुल मालिक को सुधार कार्य कर इसे चलाने को कहा जाये ताकि आगे जा कर किसी भी सैलानियों को इसका खमियाजा भुगतना न पङे कुछ युवाओ द्वारा पुर्व कलेक्टर को इसकी शिकायत कि गई थी लेकिन किसी प्रकार का ठोस कदम नहीं हुठाया गया जिसके कारण आज इस वृन्दावन कि स्थिति और खराब हो गई है गंदे पानी कि वजह से कुछ लोगो को खुजली और डायरिया जैसी बीमारी भी इस पुल मे नहाने से हो रही है।
००००००००००००००००००००००००००००

Ads

R.O.NO. 13481/72 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक